शादी की खुशियां बदली मातम में, चौथ का बरवाड़ा में कैंटर पलटा अब तक 7 मौतों की पुष्टि,20 लोग गंभीर घायल, ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल ,मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर व एसडीएम
चौथ का बरवाडा से शिवाड़ के पास स्थित गांव मंडावर में शादी के आयोजन में भाग लेने जा रही महिलाओं से भरा कैंटर सारसोप देवली मोड़ पर पलट गया। कैंटर के पलटने से उसमें मौजूद सभी महिलाएं बुरी तरह से घायल हो गई ।ग्राम वासियों तथा प्रत्यक्षदर्शियों की मदद से सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौथ का बरवाड़ा लाया गया। लेकिन वहां पहुंचने के थोड़ी देर बाद 3 महिलाओं सहित चार घायलों ने दम तोड़ दिया।जिसमें एक छोटी बच्ची भी शामिल है।
मची अफरा तफरी : जैसे ही कैंटर के पलटने का की सूचना का पता चला पूरे कस्बे में अफरा-तफरी मच गई। सब अपने अपने रिश्तेदारों को संभालने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे ।वहां पहुंचने के बाद स्थिति बहुत ही गंभीर थी।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कैंटर बिल्कुल पलट गया था और सभी महिलाएं उसके नीचे दब गई थी जिसकी वजह से सभी महिलाएं बुरी तरह से जख्मी हो गई हैं जिनमें से कई बहुत ही गंभीर है।


अस्पताल पहुंचते पहुंचते चार ने तोडा दम : घटना इतनी भयावह थी कि अस्पताल पहुंचते पहुंचते 4 महिलाओं ने दम तोड़ दिया। पूरा कस्बा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमा हो गया और जिसको जैसी बन पड़ी थी वह वैसी मदद करने की कोशिश कर रहा था।
ली गयी प्राईवेट प्रैक्टिसनरों की मदद : स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चौथ का बरवाड़ा के सभी प्राइवेट प्रैक्टिशनर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उन्होंने भी घायलों के उपचार में मदद की।
अस्पताल में जीवन रक्षक दवाईयों का अभाव : चौथ का बरवाड़ा कस्बा काफी बड़ा होने के साथ-साथ यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद मेडिकल सुविधाओं के नाम पर चौथ का बरवाड़ा सदैव शून्य ही रहा है इसका ताजा उदाहरण रविवार को देखने को मिला ।जिन लोगों को चौथ का बरवाड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया उन्हें यदि समय रहते जीवन रक्षक दवाइयां मिल जाती तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था ।लेकिन अफरातफरी के माहौल में ना तो जीवन रक्षक दवाइयां मिल पाई और ना ही किसी दवा का उपयोग किया गया। इसके चलते कुछ लोगों की तुरंत मौत हो गई। इसके बाद सभी गंभीर रूप से घायलों को सवाई माधोपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।वहां भी तीन और लोगों की मौत हो गई।
मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर : सूचना के तुरंत बाद जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर एसपी सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जिला कलेक्टर ने खुद घायलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में मदद की तथा लोगों का हाल पूछा। जिला कलेक्टर ने कहा कि ऐसी स्थिति में सबसे पहला फर्ज है कि जो घायल हैं उनको जल्दी से जल्दी उपचारित किया जाए और उनकी जान बचाई जाए। जिला कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद उनसे फोन करके इस बारे में जानकारी ली है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जो मृतक है उन्हे एक लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी और गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बीस हजार रूपये की आर्थिक सहायता तथा सामान्य घायल को 2000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।




बचाई जा सकती थी जाने : यदि गंभीर रूप से घायलों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौथ का बरवाड़ा में सही इलाज मुहैया हो जाता तो हो सकता था कि कई जानों को बचाया जा सकता ,क्योंकि जब घायलों को चौथ का बरवाड़ा लाया गया तो कुछ मृतकों में जान बाकी थी लेकिन दवाइयों के अभाव में उनकी मृत्यु हो गई।
चौथ का बरवाड़ा की 108 गई हुई थी जयपुर : चौथ का बरवाड़ा में तैनात 108 एंबुलेंस दिन में ही रेफर केस को लेकर जयपुर गई हुई थी जबकि चौथ का बरवाड़ा में इतनी बड़ी घटना होने के बाद आसपास से एंबुलेंस को मंगवाया गया। यदि चौथ का बरवाड़ा कस्बे में एंबुलेंस होती तो ज्यादा तेजी से गंभीर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता था। इसके साथ-साथ लोगों ने कहां कि जिन 108 एंबुलेंस को बुलाया गया था उनके स्टाफ में कर्मचारी लोगों को सिर्फ लाने का कार्य करते रहे उन्होंने वहां पर किसी भी गंभीर घायल को प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया। लोगों को प्राथमिक उपचार अस्पताल में आने के बाद ही मिल सका लेकिन वह भी कारगर नहीं रहा ।नाराज लोगों ने एक 108 एम्बुलेंस कर्मचारी की पिटाई भी करदी।
मची अफरा तफरी : जैसे ही कैंटर के पलटने का की सूचना का पता चला पूरे कस्बे में अफरा-तफरी मच गई। सब अपने अपने रिश्तेदारों को संभालने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे ।वहां पहुंचने के बाद स्थिति बहुत ही गंभीर थी।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कैंटर बिल्कुल पलट गया था और सभी महिलाएं उसके नीचे दब गई थी जिसकी वजह से सभी महिलाएं बुरी तरह से जख्मी हो गई हैं जिनमें से कई बहुत ही गंभीर है।



अस्पताल पहुंचते पहुंचते चार ने तोडा दम : घटना इतनी भयावह थी कि अस्पताल पहुंचते पहुंचते 4 महिलाओं ने दम तोड़ दिया। पूरा कस्बा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमा हो गया और जिसको जैसी बन पड़ी थी वह वैसी मदद करने की कोशिश कर रहा था।
ली गयी प्राईवेट प्रैक्टिसनरों की मदद : स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चौथ का बरवाड़ा के सभी प्राइवेट प्रैक्टिशनर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उन्होंने भी घायलों के उपचार में मदद की।
अस्पताल में जीवन रक्षक दवाईयों का अभाव : चौथ का बरवाड़ा कस्बा काफी बड़ा होने के साथ-साथ यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद मेडिकल सुविधाओं के नाम पर चौथ का बरवाड़ा सदैव शून्य ही रहा है इसका ताजा उदाहरण रविवार को देखने को मिला ।जिन लोगों को चौथ का बरवाड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया उन्हें यदि समय रहते जीवन रक्षक दवाइयां मिल जाती तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था ।लेकिन अफरातफरी के माहौल में ना तो जीवन रक्षक दवाइयां मिल पाई और ना ही किसी दवा का उपयोग किया गया। इसके चलते कुछ लोगों की तुरंत मौत हो गई। इसके बाद सभी गंभीर रूप से घायलों को सवाई माधोपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।वहां भी तीन और लोगों की मौत हो गई।
मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर : सूचना के तुरंत बाद जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर एसपी सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जिला कलेक्टर ने खुद घायलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में मदद की तथा लोगों का हाल पूछा। जिला कलेक्टर ने कहा कि ऐसी स्थिति में सबसे पहला फर्ज है कि जो घायल हैं उनको जल्दी से जल्दी उपचारित किया जाए और उनकी जान बचाई जाए। जिला कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद उनसे फोन करके इस बारे में जानकारी ली है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जो मृतक है उन्हे एक लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी और गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बीस हजार रूपये की आर्थिक सहायता तथा सामान्य घायल को 2000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।






बचाई जा सकती थी जाने : यदि गंभीर रूप से घायलों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौथ का बरवाड़ा में सही इलाज मुहैया हो जाता तो हो सकता था कि कई जानों को बचाया जा सकता ,क्योंकि जब घायलों को चौथ का बरवाड़ा लाया गया तो कुछ मृतकों में जान बाकी थी लेकिन दवाइयों के अभाव में उनकी मृत्यु हो गई।
चौथ का बरवाड़ा की 108 गई हुई थी जयपुर : चौथ का बरवाड़ा में तैनात 108 एंबुलेंस दिन में ही रेफर केस को लेकर जयपुर गई हुई थी जबकि चौथ का बरवाड़ा में इतनी बड़ी घटना होने के बाद आसपास से एंबुलेंस को मंगवाया गया। यदि चौथ का बरवाड़ा कस्बे में एंबुलेंस होती तो ज्यादा तेजी से गंभीर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता था। इसके साथ-साथ लोगों ने कहां कि जिन 108 एंबुलेंस को बुलाया गया था उनके स्टाफ में कर्मचारी लोगों को सिर्फ लाने का कार्य करते रहे उन्होंने वहां पर किसी भी गंभीर घायल को प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया। लोगों को प्राथमिक उपचार अस्पताल में आने के बाद ही मिल सका लेकिन वह भी कारगर नहीं रहा ।नाराज लोगों ने एक 108 एम्बुलेंस कर्मचारी की पिटाई भी करदी।
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